क्या होता है Black Fungus? यह किसी व्यक्ति को कैसे होता है? इससे कैसे बचाव किया जा सकता है?और कैसे जानेंगे कि कोई व्यक्ति ब्लैक फंगस से संक्रमित है इन सारे प्रश्नों का जवाब हम नीचे पढ़ने वाले हैं......
क्या है Black Fungus? पूरी जानकारी:–
इन दिनों कोरोना कि स्थिति में कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) नाम के इस संक्रमित होने वाली बीमारी ने देश का स्वास्थ्य पर देश के लोगों पर गहरे रूप से अपना आक्रमण किया है। देश के प्रसिद्ध डॉक्टरों के अनुसार ब्लैक फंगस यानी कि म्यूकरमाइकोसिस इस खतरनाक बीमारी के बारे में कुछ अहम जानकारी देने का प्रयास किए हैं।
प्रसिद्ध डॉक्टरों ने अपने कुछ जानकारियों के अनुसार बताया कि ब्लैक फंगस नाम का यह संक्रमित होने वाला बीमारी हमारे वातावरण में चारों ओर मौजूद है। यह आमतौर पर विशेषकर मिट्टी में इसकी मौजूदगी ज्यादा दिखाई गई है यह ऐसे व्यक्ति पर अटैक करता है जिनका इम्यूनिटी कमजोर है जो बार-बार बीमार होते रहते हैं उन्हें अपना शिकार बना लेता है क्योंकि जो व्यक्ति बार-बार बीमार होते हैं उनके अंदर प्रतिरोधी क्षमता कम पड़ जाते हैं जिससे वह इस फंगस को हरा पाने में नाकामयाब हो जाते हैं यही कारण है कि यह कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों का अपना शिकार बनाता है।
कैसे लोगों को ब्लैक फंगस से अधिक खतरा होता है?
ब्लैक फंगस आमतौर पर कमजोर व्यक्तियों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अपना शिकार बना लेता है परंतु कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें या आसानी से अपना शिकार बना लेता है;–
ऐसे व्यक्ति जिनका पहले से किसी गंभीर कैंसर का इलाज हो रहा हो और ट्रांसप्लांट करवाने वालों को इस ब्लैक फंगस से खतरा हो सकता है।
सुगर पेशेंट्स यानी कि मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति जिनके खून में मिठास की मात्रा अधिक होती है और हाई ब्लड प्रेशर इन मरीजों को ब्लैक फंगस से अधिक खतरा रहता है।
ऐसे मरीज जिनका रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी कि इम्यूनिटी बेहद कमजोर है उन्हें ब्लैक फंगस से अधिक खतरा है।
जरूरी नहीं है कि कोई व्यक्ति पहले से किसी बीमारी से ग्रसित हो तब ही यह ब्लैक फंगस हो सकता है वह फंगस कुछ दवाइयों की वजह से भी होता है कुछ ऐसे भी दवाई होते हैं जो बहुत सावधानी से देनी चाहिए वह भी फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं।
ब्लैक फंगस से सुरक्षित रहने के लिए कुछ महत्वपूर्ण चीजें यह भी है कि पहला हमें शुगर कंट्रोल को बहुत अच्छी तरह से ध्यान देना चाहिए दूसरा हमें स्टेरॉयड कब लेना है यह सावधानियां आरती श्री या की स्टेरॉयड की कितनी दोस्त लेनी चाहिए जय सभी डॉक्टर की सलाह से ही करनी चाहिए और इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
शुगर पेशेंट को अपने खून में चीनी की मात्रा को बढ़ने नही देना चाहिए उन्हें उसे नियंत्रित रखना चाहिए। ऐसे लोग जिन्हें डायबिटीज है उन्हें नियंत्रित रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करना चाहिए।
Black fungus के अटैक करने के क्या क्या लक्षण है?
सीने में दर्द होना या सांस लेने में परेशानी होना।
आंखों में दर्द होना, धुंधला दिखाई देना और आंखों के ऊपरी और निचले भागों पर सूजन हो जाना।
नाक बंद होना या नाक से खून निकलना साथ ही साथ नाक के ऊपर सतह पर काली परत आ जाना।
गाल के हड्डियों में दर्द होना और चेहरा पूरी तरह फूल जाना सुन और सूजन पड़ जाना।
यह ब्लैक फंगस मुख्य तौर पर मस्तिष्क आंख और फेफड़ों को बुरी तरह से प्रभावित करता है और इन पर ही अपना असर दिखाते हैं।
सिर दर्द होना, चेहरे का रंग बदल जाना और दांतो का अपनी जगह से हिलना यह सभी मुख्य लक्षण है। ब्लैक फंगस अगर किसी व्यक्ति के फेफड़े पर आक्रमण कर देता है तो मुख्य तौर पर यह लक्षण दिखाई देते हैं:–तेज बुखार हो जाना, सांस लेने में परेशानी होना ,सीने में दर्द होना खखार में खून आना खांसी और कफ हो जाना।
किन कारणों की वजह से फैल रहे हैं ब्लैक फंगस?
प्रशिक्षित डाक्टरों के अनुसार कोरोना के इलाज में स्टेरॉयड का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो रहा है जिससे शुगर का लेवल तेजी से बढ़ जा रहा और शुगर के लेवल बढ़ने से और फिजिकल एक्टिविटी ना होने पर ब्लैक फंगस के संक्रमण की आशंका आमतौर पर आसानी से बहुत बढ़ जाती है।
स्टेरॉयड के अधिक से अधिक इस्तेमाल के वजह से शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम यानी की प्रतिरोधी क्षमता कम होती जा रही है जिससे ब्लैक फंगस के विरोध शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र उसे प्रति रक्षित नहीं कर पा रहा है और उससे नहीं लग पा रहा है।
डॉक्टरों के कुछ प्रयोगों से पता लगा है कि अभी करोना की इस स्थिति में इतने अधिक केस आ रहे हैं कि अस्पतालों की सफाई पर अधिक ध्यान नहीं दिया जा रहा है और चारों तरफ कूड़े कचरे दिखाई दे रहे हैं इनके वजह से ब्लैक फंगस के इधर उधर जमा होने और इधर उधर अधिक मात्रा में फैलने की आशंका बढ़ जाती है क्योंकि आम तौर पर बीमार लोग ही हॉस्पिटल में जाते हैं और उनसे ही यह बीमारी फैलने की आशंका बढ़ रहे है।
क्या है Black Fungus का इलाज?
ऊपर के कुछ जानकारीयो से हमें यह पता चल ही गया है कि ब्लैक फंगस मुख्य रूप से नाक ,मुंह और आंख के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। दूसरे चरण में आंख को प्रभावित करता है और तीसरे चरण में या दिमाग पर भी बुरी तरह से अपना हमला करता है इसके लिए 4 से 6 हफ्ते तक दवाइयां लेनी पड़ती है और गंभीर मामलों के लिए कई महीनों तक इलाज भी चलता है।
प्रशिक्षित डाक्टरों के अनुसार ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते ही इसका निदान करना बहुत ही अनिवार्य हो जाता है इसके लिए शरीर के प्रभावित हीससे अंश लेकर बायोप्सी किया जाता है।
उपचार के तौर पर प्रभावित हुए हिस्सों को मेडिकल ट्रीटमेंट द्वारा उस स्थान को निकालने की भी जरूरत पड़ जाती है मरीजों को एंटीफंगल दवाइयों का भी लंबे समय तक इस्तेमाल कराया जाता है इन रोगियों को 4 से 6 हफ्ते तक इन दवाइयों का सेवन करना होता है।
क्या सावधानियां जरूरी है ब्लैक फंगस के उपचार में: –
डॉक्टरों के अनुसार ऐसे मरीज जो पहले से पुराना से संक्रमित है उन्हें ब्लॉक फंगस होने का बहुत अधिक खतरा बना रहता है उन्हें इलाज के समय और रिकवरी के बाद भी स्ट्राइड की डोर बेहद सावधानी से दी जानी चाहिए।
प्रशिक्षित डाक्टरों के अनुसार ब्लैक फंगस का शुरुआती दौर पर ही पता लगाना बहुत ही अनिवार्य है उनका अनुसार डायबिटीज लोगों को ज्यादा स्ट्रांग दवाई देने से भी उनकी किडनी या अन्य अंगों पर उनका गहरा प्रभाव पड़ सकता है इन सभी सावधानियां को ध्यान में रखना बहुत ही जरूरी है।
एक्सपीरियंस डॉक्टरों ने बताया कि ब्लैक फंगस का इलाज 3 स्टेज में किया जाना चाहिए। पहले स्टेज में सिर्फ संक्रमण की वजह का पता लगाकर उसे दूर करना चाहिए और शुगर लेवल एडी एसिडोसिस चेक करना चाहिए इसके बाद सर्जरी के जरिए एग्रेसिव तरीके से डेड टिश्यू हटाए जाने चाहिए ताकि फंगस और अधिक ना फैले इसके बाद उचित दवाइयां और फंगल मेडिसिंस का व्यवहार करना चाहिए।
आशा है आपको हमारे द्वारा दिए गए इन जानकारियों को पढ़कर आपको कोई सहायता मिली होगी धन्यवाद.....